नई दिल्ली! ‘मुल्ले काटे जाएंगे तो राम-राम चिल्लाएंगे’, ‘अगर हिन्दुस्तान में रहना है तो जय श्रीराम कहना होगा’, ‘इस्लाम का विनाश हो’, ‘मेरा नाम विनीत क्रांति है मैं इस्लाम को फाड़ कर रख दूंगा’, ‘बंद करो बंद करो मुल्लाओं का व्यापार बंद करो’ और भारत में इस्लाम का नामो निशान मिटाना है’। यह वह जहरीले नारे हैं जो आठ अगस्त को पार्लियामेंट से चंद कदम के फासले पर जंतर-मंतर पर पुलिस की मौजूदगी में भगवा गुण्डों ने कई घंटों तक लगाए। गुण्डों की भीड़ बीजेपी लीडर अश्विनी उपाध्याय ने भारत जोड़ो के नाम पर इकट्ठा की थी अश्विनी के साथ फिल्म दुनिया में नाकाम हो चुके गजेन्द्र चौहान भी मौजूद थे तो अश्विनी इसी तरह से भारत को जोड़ने का काम करेंगे। गुण्डों की भीड़ की नारेबाजी के वीडियो सोशल मीडिया पर हर तरह वायरल होते रहे सबके चेहरे साफ नजर आ रहे हैं लेकिन दिल्ली पुलिस ने जो रिपोर्ट लिखी उसमें नारे बाजों को नामालूम (अज्ञात) बताया गया है। न्यूज लांड्री की रिपोर्टर ने कम से कम तीन लोगों के नाम बता दिए, जिसमें सुमित तिवारी यह कहते साफ सुना जा सकता है जिसमें वह कह रहा है कि मुसलमान दस शादियां करते हैं और पचास बच्चे पैदा करते हैं। यह लोग भारत को इस्लामिक देश बनाना चाहते हैं। उत्तम मलिक खुद को यति नरसिंहानंद का शागिर्द बताता है नारेबाजी में सबसे आगे वही था। उसने कहा मुसलमान नमाज पढने नहीं देश के खिलाफ मीटिंग करने जाते हैं। इनका मआशी (आर्थिक) बायकाट करेंगे। वंदना राय कहती हैं कि मुसलमान अक्सरियत में आते जा रहे हैं। यह लोग देश में हिन्दुओं का रहना मुश्किल कर देंगे। मामला बिगड़ता देख अश्विनी उपाध्याय ने दिल्ली पुलिस को एक तहरीर देकर खुद को पूरे मामले से बचाते हुए कह दिया कि नारेबाजी करने वाले उनके बुलाए हुए नहीं थे न ही उनका ऐसे लोगों से कोई ताल्लुक है। यह भीड़ इकट्ठा करने के लिए पुलिस से इजाजत भी नहीं ली गयी थी।
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इस मामले पर साक्षी जोशी, अभिसार शर्मा, नेशनल दस्तक के अनमोल प्रीतम, आर्टिकल-19 के नवीन कुमार, देशभक्त टीवी के आकाश बनर्जी और द लाइफ टीवी की जयंती झा समेत दर्जनों यू-ट्यूब चैनलों ने इस सिलसिले में प्रोग्राम पेश किए। सभी का कहना था कि जिस तरह कपिल मिश्रा ने गुजिश्ता बरस नार्थ-ईस्ट दिल्ली में फिरकावाराना फसाद कराए थे उसी तरह की हरकतें दोबारा की जा रही है। दिल्ली पुलिस नारेबाजी करने वाले भगवा गुण्डों की शिनाख्त नहीं कर पा रही है या करना चाहती नहीं है। क्योकि अगर वह कहना चाहती होती तो पुलिस की मौजूदगी में जब जंतर-मंतर पर नारेबाजी हो रही थी उसी वक्त गुण्डों को रोका जाना चाहिए था। पार्लियामेंट का इजलास चल रहा है। जंतर-मंतर तक पुलिस की इंतेहाई सख्त निगरानी रहती है इसके बावजूद यह लोग इस तरह की हरकत करने में कामयाब हो गए।
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इस मामले पर जब ज्यादा शोर मचा खुसूसन सोशल मीडिया पर खबरे वायरल हुई तो दिल्ली पुलिस ने छः लोगों को गिरफ्तार किया और बताया कि मुल्जिमान में बीजेपी लीडर अश्विनी उपाध्याय को भी नामजद किया गया है। सवाल यह है कि उन्हें रातों-रात गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया। जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है क्या उनपर भी दिल्ली दंगों का झूटा इल्जाम लगाकर फंसाए गए लोगों की तरह अनलाफुल एक्टीविटीज प्रीवेंशन एक्ट (यूएपीए) लगाया जाएगा अगर नहीं तो क्यों? इस मामले में गिरफ्तार हो चुके और नामजद लोगों सभी को पीट-पीट कर पूछा जाना चाहिए कि दिल्ली में उनकी क्या कराने की साजिश थी?
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पुलिस ने इस मामले में भारत जोड़ो अभियान के नाम पर गुण्डों की भीड़ इकट्ठा करने वाले अश्विनी उपाध्याय ‘ सेव इंडिया’ के सदर प्रीत सिंह, हिन्दू फोर्स के सदर दीपक सिंह हिंदू, सुदर्शन वाहिनी के सदर विनोद शर्मा, दीपक कुमार गौ सेवक और विनीत वाजपेयी क्रांति को गिरफ्तार कर लिया। हिन्दू रक्षक दल का खुद को सदर बताने वाला पिंकी चौद्दरी और उत्तम मलिक खबर लिखे जाने तक गिरफ्तार नहीं हुए थे। हालांकि पिंकी चौद्दरी कई टीवी चैनलों पर बयान देता फिर रहा था। वह गाजियाबाद के अपने दफ्तर का पता बताता था और कहता था कि मैं भागा नहीं हूं पुलिस जब चाहे आ जाए। जो लोग पकड़े गए हैं उन सबने हिन्दुओं के नाम पर अपनी जेबी तंजीमें बना रखी हैं। इनका अस्ल काम जहरीली तकरीर करना और चंदे के नाम पर आम हिन्दुओं की जेबों पर लाखों के डाके डालना है। गिरफ्तार किए जाने के अगले रोज अश्विनी उपाध्याय को पचास हजार रूपए के निजी मुचलके पर जमानत भी मिल गई।
जिस वक्त भगवा गुण्डे नारेबाजी कर रहे थे उस वक्त नेशनल दस्तक के रिपोर्टर अनमोल प्रीतम गुण्डों की तमाम हरकतों की कवरेज कर रहे थे। गुण्डों ने उन्हें घेर लिया कहा तुम जेहादी चैनल हो तुम खुद जेहादी हो इसलिए हिन्दुओं की खबर नर्ही दिखाते हो। अनमोल ने कहा कि हम तो किसानों की खबर खूब दिखाते हैं। वह भी तो हिन्दू हैं। तो गुण्डे चीखने लगे कि किसान हिन्दू नहीं देश दुश्मन हैं। गुण्डों ने अनमोल को घेर कर चीखना शुरू किया ‘जय श्रीराम’ बोलो, अनमोल ने जवाब दिया कि इस तरह घेर कर अगर आप लोग जय श्रीराम बुलवाना चाहेंगे तो मैं नहीं बोलूंगा। मैं तभी बोलूंगा जब मेरा दिल कहेगा। अनमोल ने जो बहादुरी दिखाई वह काबिले तारीफ है। बाद में दि वायर को इंटरव्यू देते हुए अनमोल ने कहा कि मुझे मालूम था कि भीड़ उनकी पिटाई भी कर सकती थी इस हद तक कि मैं मर जाता, लेकिन अगर भीड़ के कहने पर मैं जय श्रीराम का नारा लगाता तो मैं पूरी जिंदगी एहसासे जुर्म (अपराद्द बोद्द) का शिकार रहता। बाद में उन्होने जंतर-मंतर पर ही खड़े होकर पूरा प्रोग्राम अपने चैनल नेशनल दस्तक पर दिखाया।
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साक्षी जोशी ने अपना प्रोग्राम ‘सत्यमेव जयते’ वजीर-ए-आजम की हैसियत से नरेन्द्र मोदी की हलफ बरदारी को दिखाते हुए शुरू किया और सवाल किया कि ‘मिस्टर मोदी क्या आपने यही सब कराने का हलफ लिया था।’ उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस खामोश तमाशाई बनी रही चौबीस घंटे गुजर जाने के बावजूद दिल्ली पुलिस को कंट्रोल करने वाले अमित शाह खामोश क्यों हैं? अभिसार शर्मा का कहना था कि ‘भारत जोड़ो’ के नाम पर ‘भारत तोड़ो’ की मुहिम छेड़ी गयी है। यति नरसिंहानंद का शागिर्द उत्तम मलिक नारे बाजी करने में आगे-आगे था। वहीं नरसिंहानंद ने पैगम्बरे इस्लाम (स.अ.व.) को तो गालियां बकी ही हिन्दू औरतों की भी बड़े पैमाने पर तौहीन की है। अभिसार ने इन भगवा गुण्डों से पूछा कि क्या तुम मर्यादा पुरूषोत्तम राम का मतलब भी जानते हो। उन्होने कहा दिल्ली में इसी तरह जहरीली बयानबाजी करके कपिल मिश्रा ने दंगा करवाया था। उन्होने हैरत जाहिर की कि आठ-दस साल के छोटे-छोटे बच्चों के हाथों में गुण्डों ने पोस्टर थमवा रखे थे जिनपर लिखा था ‘इस्लाम का विनाश हो’। आखिर इन बच्चों को यह लोग क्या बनाना चाहते हैं।
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आर्टिकल-19 के नवीन कुमार ने कहा कि पार्लियामेंट का इजलास चल रहा है। पूरे इलाके का चप्पा-चप्पा पुलिस की निगरानी में है। इसके बावजूद बगैर इजाजत के यह जलसा किया गया। मौके पर हिन्दुत्ववाद का टुकडे़-टुकडे़ गैंग इकट्ठा था। इन हिन्दू तालिबान ने संविद्दान और कानून दोनों को रौंदा है। इनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होने कहा कि ऐसे हालात में देश का मुसलमान खुद को महफूज कैसे महसूस करेगा। यह मुसलमानों को दहशतजदा करने की खुली कोशिश थी। आकाश बनर्जी ने इन हरकतों की सख्त मजम्मत की। द लाइव टीवी की जयंती झा ने कहा कि जंतर-मंतर पर मुस्लिम मुखालिफ भक्तों की फौज का जमावड़ा था। अब तो भक्त फौज ने मुसलमानों के साथ दलितों को भी धमकाना शुरू कर दिया है। उनका इशारा नेशनल दस्तक के अनमोल प्रीतम की जानिब था।
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जंतर-मंतर पर भगवा गुण्डों की भीड़ जिस तरह उछल-उछल कर नारे लगा रही थी और मुसलमानों के खिलाफ चीख रही थी उससे साफ लग रहा था कि बेरोजगारों की इस भीड़ का ध्यान असल मुद्दे से हटाने के लिए उनके दिल व दिमाग में किस हद तक जहर भरा गया है। वह इंतेहाई बुजदिल किस्म के लोग हैं। उन्हें पता था कि चारों तरफ पुलिस खड़ी है इसलिए उनका कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता। अगर उन्हें पुलिस का साथ न मिला होता तो यकीन के साथ कहा जा सकता है कि इनमें एक भी ऐसा नहीं था जो इस किस्म की जहरीली नारेबाजी कर सकता। बगैर इजाजत के इतनी बड़ी भीड़ पुलिस ने खुद ही इकट्ठा होने दी। शर्मनाक बात यह है कि खबर लिखे जाने तक दिल्ली के वजीर-ए-आला अरविंद केजरीवाल, मरकजी होम मिनिस्टर अमित शाह और वजीर-ए-आजम नरेन्द्र मोदी सबने मुजरिमाना खामोशी अख्तियार कर रखी थी। ऐसे हालात में मोदी सरकार के दौरान क्या वाकई मुसलमान महफूज हैं? जवाब एक ही है हरगिज नहीं।-हिसाम सिद्दीकी