अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घटी कीमतों के बीच सरकार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर खजाना भरना चाहती है ताकि कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए फंड जुटाया जा सके।

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफे से कोरोना के लिए फंड तैयार करेगी सरकार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से कोरोना वायरस के संकट के चलते सकते में आई अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए कुछ ऐलान हो सकते हैं। वित्त विधेयक पर चर्चा का जवाब देने के दौरान फाइनेंस मिनिस्टर की ओर से कुछ जरूरी घोषणाएं की जा सकती हैं। इनमें से एक यह है कि प्रवासी भारतीयों से टैक्स की सीमा को 15 लाख रुपये तक किया जा सकता है, जो कहीं और टैक्स न दे रहे हों। इसके अलावा कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए सरकार जनता के जरिए ही बड़ी वसूली की तैयारी में दिख रही है। इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पेट्रोल पर 18 रुपये और डीजल पर 12 रुपये एक्साइज ड्यूटी के तौर पर बढ़ाए जा सकते हैं।
दरअसल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घटी कीमतों के बीच सरकार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर खजाना भरना चाहती है ताकि कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए फंड जुटाया जा सके। बता दें कि सरकार ने 14 मार्च को ही पेट्रोल और डीजल पर स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी में 2 रुपये प्रति लीटर का इजाफा किया था। वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट के चलते सरकार के पास विकल्प है कि वह डीजल और पेट्रोल की कीमतों में कटौती कर जनता को राहत दे, लेकिन वह इसकी बजाय अपना खजाना भरने को प्राथमिकता दे रही है।
गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों कोरोना वायरस के संकट को लेकर जनता को दिए अपने संबोधन में इकनॉमिक रेस्पॉन्स टास्क फोर्स के गठन का ऐलान किया था। इस फोर्स का नेतृत्व वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सौंपा गया है, जो कोरोना के संकट से निपटने के आर्थिक उपायों को लेकर काम करेंगी।