सरकारी विमान कंपनी एयर इंडिया के लिए बोली लगाने की समय सीमा सोमवार यानी 14 दिसंबर को समाप्त हो रही है। इस बीच तीन बड़े प्रमुख कॉर्पोरेट – टाटा, अडानी और हिंदुजा – की इसे खरीदने में रुचि है। हालांकि, सरकार ने एयर इंडिया के लिए बोली लगाने वालों के लिए इन्टीमेशन तारीख को बढ़ाकर 5 जनवरी तक कर दिया है जो पहले 29 दिसंबर तक थी। यह चुने गए बोली लगाने वालों के नामों की घोषणा करने की तारीख है। गौरतलब है कि एअर इंडिया 90 हजार करोड़ रुपये के कर्ज में डूबी है। एक्सप्रेसन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) फाइल करने के लिए आज शाम 5 बजे डेडलाइन है। बता दें कि टाटा ग्रुप आज ईओआई फाइल कर सकती है।
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इस बीच, एयर इंडिया के 209 कर्मचारियों का एक समूह एक निजी फाइनेंसर के साथ साझेदारी में राष्ट्रीय वाहक के लिए बोली लगाने की तैयारी कर रहा है। एयर इंडिया के कर्मचारी एक निजी इक्विटी फंड के साथ साझेदारी में राष्ट्रीय वाहक के लिए बोली लगाने की तैयारी कर रहे हैं और प्रत्येक कर्मचारी को बोली के लिए 1 लाख रुपये का योगदान करने के लिए कहा जाएगा। बोली प्रक्रिया का नेतृत्व एयर इंडिया की कॉमर्शियल डायरेक्टर मीनाक्षी मल्लिक कर रही हैं। हालांकि, पायलटों और केबिन क्रू का प्रतिनिधित्व करने वाले यूनियनों ने अपने सदस्यों को कर्मचारी बोली में भाग नहीं लेने की सलाह दी है।
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टाटा ग्रुप ने ही अक्टूबर 1932 में टाटा एयरलाइंस की स्थापना की थी जिसे आज एअर इंडिया के नाम से जाना जा रहा है। साल 1953 में इस कंपनी की कमान भारत सरकार के हाथों में चली गई थी। अब फिर टाटा एयर इंडिया की बागडोर अपने हाथों में लेने के फिराक में है।
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बता दें कि वर्तमान में टाटा संस की विमान कंपनी विस्तारा है जिसे वह सिंगापुर एयरलाइंस के साथ मिलकर चलाती है। अब यह किफायती विमान कंपनी एयर एशिया के जरिए एअर इंडिया में रुचि दिखा रही है। बता दें कि सिंगापुर एयरलाइंस एयर इंडिया में निवेश करने की इच्छुक नहीं थी क्योंकि इस पर करीब 90,000 करोड़ रुपये का कर्ज है।
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उधर, एयर इंडिया को ब्रिटेन में कुछ राहत मिली है। ब्रिटेन की एक अदालत ने एयर इंडिया को 17.6 मिलियन डॉलर के बकाये के भुगतान के लिए जनवरी तक का समय दे दिया जिसमें कंपनी को एयरक्राफ्ट लीज का पेमेंट करना है। जज ने कंपनी की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि कोविड-19 लॉकडाउन के कारण विमानों का परिचालन नहीं हो पाया जिससे कंपनी की आर्थिक स्थिति खराब हुई।
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