नई दिल्ली। ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण में मुस्लिम पक्ष के वकील अभयनाथ यादव का आज दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। परिजनों के मुताबिक, उन्हें सुबह से ही बेचैनी महसूस हो रही थी, जिसके बाद उन्हें उपचार हेतु मकबूल अस्पताल में भर्ती करवाया गया, लेकिन चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनके मौत की खबर आते अंजुमन इंतजामिया के सचिव समेत अन्य लोग उनके परिजनों को सांत्वाना देने पहुंच रहे हैं। अंजुमन इंतजामिया के सचिव ने कहा कि अभयनाथ यादव बेहद ही मिलनसार किस्म के व्यक्ति होने के साथ-साथ बेबाक भी थे। वे किसी भी मसले पर अपनी राय जाहिर करने गुरेज नहीं करते थे। वे इस बात की परवाह किए बगैर कि लोग उनकी राय पर क्या कुछ कहेंगे अपनी राय दिया करते थे। अभयनाथ के निधन के बाद उनके परिवार में उनका बेटा और दो बेटियां रह गईं हैं।
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बता दें कि आगामी चार अगस्त को उन्हें ज्ञानवापी मसले में कोर्ट में पैरवी करनी थी, लेकिन इससे पहले ही उनका निधन हो गया। अभयनाथ यादव पांडेयपुर बस्ती के रहने वाले थे। वे विगत 35 वर्षों से वकालत कर रहे थे। वकालत के पेशे में गहरी समझ रखने वाले अभयनाथ ने कभी-भी किसी मसले पर अपनी बेबाक राय जाहिर करने में किसी भी प्रकार का गुरेज नहीं किया था। उनकी यही खासियत उन्हें औरों से अलग बनाती है। लेकिन, अब उनके निधन के बाद मुस्लिम पक्ष की ओर से कौन पैरवी करेगा। यह देखन वाली बात होगी।
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बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद की सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की ओर से पेश हुए वकील अभयनाथ यादव ने अपनी दलील में 1991 की उपासना स्थल कानून का हवाला देते हुए कहा कि हिंदू पक्ष की ओर से पेश की गई दलील सुनवाई योग्य नहीं है। लिहाजा, इसे सिरे से खारिज कर दिया जाना चाहिए ।उन्होंने आगे कहा था कि वहां वजूखाने के हौज में फव्वारा है। शिवलिंग मिलने की अफवाह फैलाई गई है। अफवाह इसलिए फैलाई जा रही है ताकि हिंदू लोगों की भावनाओं को इस मामले के साथ जोड़ा जा सके। नियम 7/11 के तहत हिन्दू पक्ष के सूट को खारिज किया जाना चाहिए। इसे सुनने की भी जरूरत नहीं है।
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ज्ञानवापी मस्जिद काशी विश्नना मंदिर के बिल्कुल नजदीक है। हिंदू पक्ष का कहना है कि प्राचीन काल में मुस्लिम आक्रांताओं ने प्रचीनतम विश्वेर मंदिर को ध्वस्त कर ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण किया था, जिसे लेकर अभी विवाद जारी है और मसला कोर्ट में विचाराधीन है। दोनों ही पक्षों की ओर से दलीलें पेश की जा रहीं हैं। लेकिन, इस बीच श्रृंगार गोरी के मुद्दे को लेकर भी कोर्ट में सुनवाई जारी है। बता दें कि श्रृंगार गौरी को लेकर विगत सात आठ माह से कोर्ट में सुनावई जारी है। 18 अगस्त 2021 को 5 महिलाओं ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर मां श्रृंगार गौरी में पूचा अर्चना की मांग की थी। फिलहाल, अभी यह पूरा मसला कोर्ट में विचाराधीन है। अब ऐसे में देखना होगा कि इस पूरे मामले में क्या कुछ कार्रवाई की जाती है। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए आप पढ़ते रहिए।