दोस्तों जिंदगी में कुछ लम्हे ऐसे आते हैं जब आदमी सही तरीके से सोचता है फिर उसके बाद उसकी पूरी जिंदगी ही बदल जाती है ऐसे ही एक वाक्य हम आपको बताते हैं। एक गरीब आदमी था जिसकी बीवी से नमक तेज हो गया उसका शौहर जब खाना खाने के लिए बैठा तो नमक इतना ज्यादा तेज देख कर उसको गुस्सा आ गया आदमी गरीब था। महीनों बाद मुर्गी का गोश्त लाया था।
यह भी पढ़ें : हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम सबसे बड़े शिक्षक
महीनों से सब्जी दाल खा खा कर उसकी जबान गोश्त खाने के लिए बेचैन थी मगर बीवी ने नमक तेज करके सारा सालन ही खराब कर दिया था। उसको गुस्सा बहुत आया लेकिन उसने अपनी पत्नी को कुछ नहीं किया चुपचाप खाना खा लिया और उसने अपने दिल में सोचा।
यह भी पढ़ें : अब्दुर्रज्जाक गरनाह को मिला साहित्य का नोबेल पुरस्कार
अगर मेरी बेटी से यही नमक तेज हो जाता तो मैं यही पसंद करता कि मेरी बेटी का पति उसे माफ कर दे। मेरे जिगर के टुकड़े को कुछ ना कहें मेरी बीवी भी तो किसी का जिगर का टुकड़ा है किसी मां बाप की बेटी हैऔर सबसे बढ़कर तेरी बंदी है कि उसने कहा या अल्लाह मैं इसे तेरी रज़ा के लिए माफ करता हूं।
यह भी पढ़ें : गौरी खान के जन्मदिन पर आर्यन खान की जमानत पर सुनवाई
कुछ साल के बाद जब उसका इंतकाल हो गया तो एक अल्लाह वाले ने उसे ख्वाब में देखा और पूछा भाई तेरे साथ अल्लाह ने क्या मामला किया। उसने जवाब दिया कि मुझे अल्लाह के सामने पेश किया गया। और अल्लाह ने मुझे मेरे गुनाह बयान किया तूने ये ये गुनाह किया मैंने समझ लिया अब मैं उन गुनाहों की वजह से जहन्नम में जाऊंगा।
यह भी पढ़ें : पुस्तक मेले में उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी की शिरकत
लेकिन फिर मेरे अल्लाह ने आखिर में फरमाया कि जाओ, मैंने तुम्हें इस वजह से माफ किया कि तुमने अपनी बीवी को उस दिन मेरी बंदी समझ कर माफ किया था। जिस दिन उससे नमक तेज हुआ था, तूने उसे गाली नहीं दी थी, डंडा नहीं मारा था। तुमने उसकी गलती मेरी रजा के लिए माफ की थी तो आज मैं तुमको माफ करता हूं।