हनीमून होटल बनाम हनुमान होटल वाले ट्विट पर दल्ली पुलिस द्वारा दर्ज केस में पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश देवेंद्र कुमार जांगला ने मुहम्मद जुबैर को जमानत देते हुए दिल्ली पुलिस के जम कर खिंचाई की है . जिस व्यक्ति ने ट्विटर पर शिकायत दर्ज करवाई वही गायब है , जिस फिल्म का दृश्य है वह सेंसर बोर्ड से स्वीकृत है ,सन 2018 में ट्वीट के बाद उससे कोई हिंसा या उत्तेजना हुई नहीं – उसके बाद पुलिस द्वारा की गई गिरफ्तारी की प्रक्रिया ।यहाँ तक कि विदेश से चन्दा लेने के मंगधन आरोप– हर बात पर कोर्ट ने पुलिस को कटघरे में खड़ा किया।
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इस मामले में सभी साक्ष्य दस्तावेजी प्रकृति के हैं। आवेदक/अभियुक्त को पहले ही पांच दिनों की पुलिस हिरासत में लिया जा चुका है और अब न्यायिक हिरासत में रखा गया है। इसलिए, कोई और पूछताछ की आवश्यकता नहीं है, ”कोर्ट ने कहा।
कोर्ट: मैंने जांच अधिकारी द्वारा लाई गई पुलिस फाइल का अध्ययन किया है, जिससे पता चलता है कि पुलिस आज तक जांच के दौरान उक्त ट्विटर उपयोगकर्ता की पहचान स्थापित करने में विफल रही है, जिसने आरोपी के ट्वीट से आहत महसूस किया था।इस पीड़ित व्यक्ति / गवाह का धारा 161 सीआरपीसी के तहत बयान अभी तक दर्ज नहीं किया गया है। पुलिस धारा 161 सीआर के तहत बयान दर्ज करने में विफल रही है। और पुलिस ने गिरफ्तारी भी कर ली।
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हालांकि जुबेर को अभी उत्तर प्रदेश में फंसाया गया है और उसे जेल में रहना होगा , वैसे उनके वकील कॉलिन गोंसाल्वेज ने सुप्रीम कोर्ट में यूपी की सभी एफ़आइआर निरस्त करने की मांग की है लेकिन मुझे लगता है कि यह रणनीति गलत है, पहले हाई कोर्ट जाना था- बीते दिनों कई मामले मंद एख चुके हैं की जो सीधे सुप्रीम कोर्ट गया वहां उसे ऐसी असफलता मिली कि कहीं के न रहे।-पंकज चतुर्वेदी