सभी इन्सान है मगर फर्क सिर्फ इतना है! कुछ जख्म देते है,कुछ जख्म भरते है!! हमसफर सभी है मगर फर्क सिर्फ इतना है! कुछ साथ चलते है,कुछ छोड जाते है!! प्यार सभी करते है मगर फर्क सिर्फ इतना है! कुछ जान देते है, कुछ जान लेते है!! दोस्ती सभी करते …
Read More »SHAYARI
कलीम आजिज़ की ग़ज़ल: दामन पे कोई छींट…
मेरे ही लहू पर गुज़र-औक़ात करो हो मुझ से ही अमीरों की तरह बात करो हो दिन एक सितम एक सितम रात करो हो वो दोस्त हो दुश्मन को भी तुम मात करो हो हम ख़ाक-नशीं तुम सुख़न-आरा-ए-सर-ए-बाम पास आ के मिलो दूर से क्या बात करो हो हम को …
Read More »हम ख़ुद ही ज़िम्मेदार हैं – लता हया
https://www.youtube.com/watch?v=RGJU1tzmvnM
Read More »कराची लाहौर औ कश्मीर : अजमल सुल्तानपुरी
मुसलमाँ और हिन्दू की जान कहाँ है मेरा हिन्दुस्तान मैं उस को ढूँढ रहा हूँ मेरे बचपन का हिन्दुस्तान न बंगलादेश न पाकिस्तान मेरी आशा मेरा अरमान वो पूरा पूरा हिन्दुस्तान मैं उस को ढूँढ रहा हूँ वो मेरा बचपन वो स्कूल वो कच्ची सड़कें उड़ती धूल लहकते बाग़ महकते …
Read More »कराची लाहौर औ कश्मीर : अजमल सुल्तानपुरी
मुसलमाँ और हिन्दू की जान कहाँ है मेरा हिन्दुस्तान मैं उस को ढूँढ रहा हूँ मेरे बचपन का हिन्दुस्तान न बंगलादेश न पाकिस्तान मेरी आशा मेरा अरमान वो पूरा पूरा हिन्दुस्तान मैं उस को ढूँढ रहा हूँ वो मेरा बचपन वो स्कूल वो कच्ची सड़कें उड़ती धूल लहकते बाग़ महकते …
Read More »वाह वाह क्या बात है !
जावेद अख्तर ने क्या खूब कहा, देखें वीडियो
read also abhī zamīr meñ thoḌī sī jaan baaqī hai abhī hamārā koī imtihān baaqī hai hamāre ghar ko to ujḌe hue zamāna huā magar sunā hai abhī vo makān baaqī hai hamārī un se jo thī guftugū vo ḳhatm huī magar sukūt sā kuchh darmiyān baaqī hai hamāre zehn …
Read More »ग़ज़ल संग्रह ’शाम-ए-ज़िन्दगी’ का विमोचन
शाहजहांपुर, । वरिष्ठ उर्दू शायरा श्रीमती ताहिरा राज़ के ग़ज़ल संग्रह ’शाम-ए-ज़िन्दगी’ का विमोचन किया गया। इस अवसर पर मुशायरा भी हुआ। शहर के मोहल्ला हयातपुरा में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि इंट्रीग्रल यूनीवर्सिटी कैम्पस के प्रमुख डा. एम वसी बेग बिलाल व कार्यक्रम अध्यक्ष वरिष्ठ शायर खालिद अलवी ने …
Read More »video: सूफ़ियान प्रतापगढ़ी की शानदार शायरी
सुनिए मज़ा आयेगा……share ज़रूर करना
Read More »Watch Video: Pandit Anand Mohan Dehlavi Rewrites Iqbal’s Tarana-E-Milli In The Current Scenario
94 Years Old Pandit Anand Mohan Dehlavi Rewrites Iqbal’s Tarana-E-Milli In The Current Scenario of The Our Beloved Country 👇👇
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