Kabhi Khushi Se Khushi Ki Taraf Nahi Dekha कभी ख़ुशी से ख़ुशी की तरफ़ नहीं देखा तुम्हारे बाद किसी की तरफ़ नहीं देखा ये सोच कर कि तेरा इंतज़ार लाज़िम*है तमाम उम्र घड़ी की तरफ़ नहीं देखा यहाँ तो जो भी है आबे–रवाँ* का आशिक़ है किसी ने ख़ुश्क …
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