राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने सोमवार को ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीं काउंसिल से जुड़े 20 धर्मगुरुओं के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। मीटिंग के दौरान धर्मगुरुओं ने देश में कट्टरपंथी ताकतों से शांति और सौहार्द के खतरे पर चर्चा की। प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के सामने इस बात को रखा कि किस तरह दरगाह शांति और भाईचारा बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
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मीटिंग के दौरान ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीं काउंसिल के चैयरमेन सईद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि सरकार दरगाहों के वेलफेयर के लिए कदम उठाए। सईद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि सूफी कल्चर के जरिये ही देश मे फैले रहे कट्टरपंथ से निपटा जा सकता है। ऐसे में सरकार सज्जादानशीं और सूफी कल्चर को प्रमोट करे।
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बैठक के दौरान अजीत डोभाल ने मुस्लिम धर्मगुरुओं और दरगाहों की भूमिका की तारीफ की और कहा कि देश मे शांति और भाईचारा बढ़ाने में दरगाहों की बड़ी भूमिका है। पिछले साल जब दिल्ली में हिंसा हुई थी तो पीएम मोदी ने डोभाल को इलाके में कानून और व्यवस्था पर नियंत्रण करने के लिए भेजा था। ये शायद पहला मौका था कि किसी एनएसए ने ना सिर्फ इलाके में जाकर हालात का जायजा लिया था बल्कि पीड़ित लोगों से बात भी की थी। डोभाल हिंसाग्रस्त इलाकों में एक नहीं दो बार गए।
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उन्होंने ना सिर्फ पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए बल्कि दोनों समुदाय के नेताओं से बात कर तनाव को कम करने की कोशिश भी की। इसके अलावा कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद डोभाल ने कश्मीर में लॉकडाउन की शुरुआत के दिनों में पूरे एक पखवाड़े तक कैंप किया था। उसी दौरान उनका एक वीडियो भी वायरल हुआ जहां वो कश्मीर के सबसे तनावग्रस्त इलाकों में से एक शोपियां में स्थानीय लोगों के साथ देखे गए थे।
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