देश की खुशहाली, तरक्की व आपसी सौहार्द की मांगी गई दुआएं
रायबरेली (इम्तियाज अहमद खान)। ईद-उल-फित्र का त्यौहार मंगलवार को शांतिपूर्ण व सौहार्दपूर्ण तरीके से मनाया गया। 2 साल कोरोना महामारी के कारण ईद को सादगी और घरों में नमाज अदा करके मनाया गया। लेकिन इस वर्ष ईद को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखने को मिला। मुस्लिमों द्वारा ईद-उल-फित्र का त्यौहार शासन प्रशासन द्वारा जारी की गई हिदायतों के मद्देनजर मनाया गया। जनपद में ईद की नमाज ईदगाहों और मस्जिदों के परिसर के अंदर ही अदा की गई जिससे किसी प्रकार की किसी को कोई समस्या न हो।
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बच्चों में इस त्यौहार को लेकर खास उत्साह नजर आया। नए कपड़े पहनकर छोटे बच्चे खुशी से फूले नहीं समा रहे थे। ईदगाहों और मस्जिदों में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ईद-उल-फित्र की नमाज अदा की और देश में आपसी भाईचारा, अमन चैन, खुशहाली और तरक्की की दुआएं मांगी गई नमाज अदा करने के बाद एक दूसरे से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी। इसके बाद मुस्लिमों ने घरों में सेंवई के साथ लजीज व्यंजन बनाकर दोस्तों, रिश्तेदारों व सगे संबंधियों के साथ दावतों का सिलसिला शुरू हुआ जो देर शाम तक चलता रहा। अन्य धर्मों के लोगों ने भी मुस्लिम भाइयों को ईद की मुबारकबाद दी और मुस्लिम भाइयों ने सेंवई खिलाकर उनका मुंह मीठा कराया।
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मौलाना नवाब हाशमी ने बताया कि ईद-उल-फित्र के इस मुबारक मौके पर दुनिया में खुशी रहे और किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो। सभी प्यार मोहब्बत से आपस में मिलजुल कर रहें। जिससे देश में भाईचारा एकता हमेशा बनी रहे। दुनिया में भारत का नाम रोशन हो। नमाज के बाद मुल्क में अमनों अमान की दुआ का साथ ही कोरोना महामारी से जल्द छुटकारा मिलने की दुआ की गई। उधर जिला प्रशासन ने नमाज के दौरान कड़े सुरक्षा इंतजाम किए। धर्मगुरुओं और जिम्मेदारों से वार्ता कर बीती रात ही तय हो गया था कि न तो सड़कों पर नमाज होगी और न ही लाउडस्पीकर की आवाज परिसर के बाहर जायेगी। नमाज के दौरान नमाजियों ने जिला प्रशासन के साथ हुई वार्ता का पालन करते हुए ईदगाह परिसर के भीतर बिना शोर शराबे के नमाज अदा की। उधर नमाज के बाद लोगों ने एक दूसरे से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी।