पूर्वांचल में मऊ जिले की सदर विधानसभा सीट से बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी और उनके गिरोह पर पिछले कुछ महीनों से पुलिस का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। शासन और प्रशासन ने मुख्तार गिरोह के आर्थिक साम्राज्य को गहरी चोट दी है। अब तक की कार्रवाई में मुख्तार गिरोह की सालाना 48 करोड़ रुपये की आय बंद की जा चुकी है।
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करोड़ों रुपये की अनाधिकृत जमीन से कब्जा हटवाने के बाद प्रशासन ने अब मुख्तार अंसारी की पत्नी आफसा अंसारी और साले पर गैंगस्टर की कार्रवाई की है। इस संबंध में केस शहर कोतवाली में दर्ज किया है। कार्रवाई के बाद परिजनों में हडकंप है तो शहर में चर्चाओं का दौर भी तेज हो गया। एसपी के अनुसार मुख्तार के परिजनों और करीबियों पर अभी और कई कार्रवाई होगी।
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मुख्तार की पत्नी आफसा पर सदर कोतवाली क्षेत्र के छावनी लाइन और बबेड़ी इलाके में कुर्क जमीन को अवैध तरीके से कब्जा करने का केस वर्ष 2019 में दर्ज है। मुख्तार अंसारी के साले सरजील रजा और अनवर शहजाद पर वर्ष २०१९ में फर्जी दस्तावेजों पर सरकारी ठेका हासिल करने के आरोप में केस दर्ज है।
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इसके अलावा मुख्तार की पत्नी आफसा अंसारी पर सरकारी धन के गबन के आरोप में वर्ष 2016 में भी केस दर्ज है। ऐसे में पुलिस ने बाहुबली विधायक मुख्तार के गैंग पर शिकंजा कसते हुये मुख्तार की पत्नी आफसा अंसारी और सालों सरजील रजा,अनवर शहजाद पर गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज कर कार्यवाही शुरु कर दी है।
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वाराणसी मंडल के अलग-अलग जिलों में प्रतिबंधित मछली कारोबार, स्टोरेज, गिरोह बनाकर वसूली, कोयला कारोबार, बूचड़खाना समेत अन्य अवैध धंधों पर अंकुश लगाकर तगड़ी चोट दी है। पुलिस के अनुसार, मुख्तार गैंग को मछली कारोबार से ही करीब 33 करोड़ रुपये की सालाना आय होती थी।
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मुख्तार की बाकी की आय दूसरे अवैध धंधों से होती थी। इन्हीं अवैध कामों से गैंग संचालन होता था। एडीजी कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्तार अंसारी की शह पर आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर में 120 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति गैंग के कब्जे से मुक्त कराई है।
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बृजभूषण, एडीजी, वाराणसी जोन ने बताया कि मुख्तार व उसके करीबियों की 48 करोड़ की सालाना आय बंद की गई है। 120 करोड़ की संपत्तियां इनके कब्जे से मुक्त कराते हुए अवैध कार्य में संलिप्त करीबियों पर कार्रवाई जारी है।
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मुख्तार के करीबियों ने खुद पर दर्ज मुकदमों को छिपाकर असलहों का लाइसेंस ले रखा था। ऐसे लोगों के 81 असलहों के लाइसेंस रद्द कराए गए हैं। उन पर मुकदमा भी दर्ज हुआ है।
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