जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने मदरसों के सर्वे के विरोध में दिल्ली में बड़ी बैठक बुलाई है। इस बैठक में यूपी और दिल्ली के ज्यादातर मदरसों के नुमाइंदे शामिल हैं। बता दें कि यूपी सरकार ने मदरसों की शिक्षा व्यवस्था को लेकर सर्वे का फैसला किया है। इसके लिए योगी सरकार ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश भी दे दिए हैं. इसमें यूपी में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे किया जाएगा और रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी जाएगी।
यह भी पढ़ें : दो शादी के वज़ह से प्रिंसिपल बर्खास्त
वहीं योगी सरकार के इस फैसले के विरोध में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने दिल्ली में बैठक बुलाई। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार मदरसों को बर्बाद करने का प्लान बना चुकी है। मदरसों से जुड़े लोगों की इस बैठक में आगे की रणनीति बनाई जाएगी।
दिल्ली- योगी सरकार के मदरसों के सर्वे के आदेश को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद की बैठक
जमीयत उलमा ए हिंद की यूपी के क़रीब 150 बड़े मदरसा संचालकों के साथ बैठक
बैठक में यूपी के सभी ज़िलों का प्रतिनिधित्व करने वाले मदरसों के प्रमुख शामिल। pic.twitter.com/OTx4SbmLd5
— Pradesh Crime Bulletin (@newspaper_pcb) September 6, 2022
दरअसल यूपी में मस्जिदों को सर्वे को लेकर एक बैठक हुई थी, जिसमें साफ कर दिया गया था कि सर्वे टीम में एसडीएम, बीएसए और जिला अल्पसंख्यक अधिकारी शामिल रहेंगे। वहीं सर्वे टीम अपनी रिपोर्ट प्रशासन को सौंपेगी। इसमें यह निर्देश दिया गया है कि एसडीएम या अपर जिलाधिकारी से मिली रिपोर्ट का निरीक्षण करने के बाद ही डीएम शासन को रिपोर्ट भेजेंगे।
यह भी पढ़ें : सपा के सबसे बुजुर्ग विधायक आलम बदी आज़मी की पत्नी का हुआ इंतकाल
बता दें कि मदरसों का सर्वे 5 अक्टूबर तक कराने का निर्देश दिया गया था। वहीं इसकी रिपोर्ट 25 अक्टूबर तक जिले से शासन को भेजनी है। यूपी के अल्पसंख्यक राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा था कि गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की स्थिति जानने के लिए सर्वे जरूरी है। इश सर्वे के लिए 10 सितंबर तक टीम बनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि मदरसों में मॉडर्न एजुकेशन के लिए यह सर्वे अहम है. इसके बाद मदरसों का पूरा डाटा सरकार के पास उपलब्ध होगा और इसके हिसाब से भविष्य की योजनाओं को लागू करने में आसानी होगी।
यह भी पढ़ें : रोहिंग्या मुसलमानों से राष्ट्रीय सुरक्षा को क्या है खतरा?