मराठी पत्रकार संघ द्वारा बुधवार को हुई एक प्रेस कान्फ्रेंस में वंचित बहुजन अघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने महाराष्ट्र सरकार से राज्य के मुस्लिम समुदाय को 5 फीसदी आरक्षण देने की मांग की। उन्होने कहा, महाराष्ट्र सरकार मुस्लिम आरक्षण पर हाईकोर्ट के फैसले को तत्काल लागू करे। इस दौरान प्रकाश अंबेडकर ने 5 जुलाई को विधानसभा में पैगंबर मुहम्मद (ﷺ) बिल भी पेश करने की बात कही।
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उन्होने कहा, देश में आजादी के बाद से ही मस्जिदों और मंदिरों में गोश्त फेंककर, लोगों को भड़का कर, उत्तेजित नारे ल्गाकर कराये गए छोटे-बड़े दंगों में कई लोग मारे गए। लेकिन इन तरीकों को जनता समझ चुकी है। ऐसे में अब बम धमाके और मॉब लिंचिंग को जरिया बनाया गया। मुजफ्फरपुर सांप्रदायिक दंगा इस साजिश का ही नतीजा था। उन्होने कहा कि एक बार फिर देश के हालात फिर से वैसे ही है। ऐसे में मुसलमान और अन्य धर्मों के लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़काया जाएगा।
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अब कुछ असामाजिक तत्वों के जरिये कुरान और पैगंबर मुहम्मद (ﷺ) सहित अन्य धर्मों के भगवानों और धर्मगुरुओं के अपमान कि कोशिशें और साजिशें की जाएगी। जिसे समाज में सांप्रदायिक दंगों के लिए माहौल बनाया जाएगा। उन्होने कहा कि ]वर्तमान हालात को देखते हुए महाराष्ट्र विधानसभा में 5 जुलाई को कपिल पाटील के माध्यम से पैगंबर मुहम्मद (ﷺ) बिल पेश किया जाएगा। जिसके पारित होने पर राज्य में सांप्रदायिक तनाव को नियंत्रित किया जा सकेगा।
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इस मौके पर रज़ा एकेडमी के प्रमुख अल्हाज सईद नूरी साहब ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने मुसलमानों को शिक्षा और रोजगार में 5 फीसदी आरक्षण देने हाई कोर्ट के फैसले पर ध्यान नहीं दिया है। सरकार को चाहिए कि वह मानसून सत्र में इस पर कानून लाये। पैगंबर मुहम्मद (ﷺ) बिल पर उन्होने कहा कि इस बिल के कानून बन जाने पर कोई भी शख्स किसी भी धर्म के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने से पहले 100 बार सोचेगा। ये कानून महाराष्ट्र में अमन और शांति लेकर आएगा। उन्होने कहा कि अगर ये बिल पास हो जाता है तो देश में महाराष्ट्र पहला ऐसा राज्य होगा जो इस तरह का कानून लागू करेगा।
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वहीं मौलाना सय्यद मोईन मियां साहब ने कहा कि तहफ्फुज ए नामुस ए रिसालत के लिए मुसलमान अपनी जान की कुर्बानी देने के लिए भी तैयार है। मुसलमान सब कुछ बर्दाश्त कर सकता है लेकिन इस्लाम और पैगंबर मुहम्मद (ﷺ) का अपमान नहीं। उन्होने सभी विधायकों से पैगंबर मुहम्मद (ﷺ) बिल का समर्थन करने की गुजारिश की।
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