उत्तर प्रदेश की बहुचर्चित कैराना विधानसभा सीट से समाजवादी पर्टी ने चौधरी नाहिद हसन को पार्टी का प्रत्याशी घोषित किया है। नाहिद हसन इस समय जेल में है। नाहिद हसन को 15 जनवरी को पुलिस ने कोर्ट में गैंगस्टर के मुकदमे में सरेंडर करने से पहले गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद उनके नामांकन को लेकर भाजपा नेता और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अश्वनी उपाध्याय ने याचिका दायर कर समाजवादी पार्टी की मान्यता रद्द करने की मांग की थी। जिसके बाद नाहिद हसन का टिकट कटने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया था। अब नाहिद हसन जेल में रहकर ही चुनाव लड़ेंगे।
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लंदन से लॉ करके लौटी इक़रा हसन (27) के सासंद पिता मुनव्वर हसन की 2008 में एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। पिता की मौत के बाद इक़रा की माँ तबस्सुम हसन सांसद व भाई नाहिद हसन विधायक बना तो बीजेपी ने उनकी माँ व विधायक भाई पर दर्जनों केस दर्ज किये। नाहिद हसन की गिरफ्तारी और उनपर चल रहे मुकदमों को देखते हुए नाहिद के परिजनों ने उनकी बहन इकरा हसन का नामांकन करा दिया था। इकरा विदेश से लॉ ग्रेजुएट हैं। लेकिन अब भाई के टिकट पक्का होने के बाद वह चुनाव नहीं लड़ेगी।
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शामली में कैराना से सपा प्रत्याशी नाहिद हसन की बहन ने भी शुक्रवार को नामांकन के अंतिम दिन समाजवादी पार्टी से पर्चा भर दिया था। हालांकि नामांकन के बाद भी उन्होंने इसे एहतियात के तौर पर उठाया गया कदम बताया था। उन्होंने कहा कि भाई नाहिद हसन ही पार्टी के उम्मीदवार रहेंगे। यदि किसी वजह से नाहिद हसन का नामांकन निरस्त होता है तो वह चुनाव में उतरेंगी। भाई के जेल जाने के अगले ही दिन से इकरा हसन लगातार प्रचार-प्रसार में जुटी हैं।
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कैराना लंबे समय से हिंदुओं के पलायन के लिए चर्चा में रहा है। यहां के घरों पर लगे ‘यह मकान बिकाऊ है’ के बोर्ड लंबे समय से चर्चा में रहा है। भाजपा से मुद्दा बनाती रही है। भाजपा स्थानीय सपा सांसद पर अराजक औऱ गुंडा तत्वों के संरक्षण का आरोप लगाती रही है। ऐसे में अब कैराना में भाजपा और सपा का मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है।