निकाह के लिए काजी की जरूरत नहीं है। दो गवाहों की मौजूदगी में भी निकाह हो सकता है। ये गवाह औरतें भी हो सकती हैं। यह बातें जमात-ए-इस्लामी हिंद की स्टेट कन्वेनर प्रो. अंजुम परवीन ने कही। वह गुरुवार को मानगो में जमात-ए-इस्लामी हिंद की ओर से आयाेजित प्री मैरिज काउंसलिंग कार्यशाला काे संबोधित कर रही थीं।
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उन्होंने कहा कि घर के बड़े भाई, बाप और चाचा भी निकाह करा सकते हैं, बशर्ते वे निकाह के फरायज (नियम) के बारे में जानकारी रखते हाें। प्री मैरिज काउंसिलर प्रो. अंजुम परवीन ने बताया कि महिलाओं को मुस्लिम पर्सनल लाॅ के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। हमारी अज्ञानता ही हमारे शोषण का कारण बनती है। साथ ही हमें अपनी नई पीढ़ी को भी इस अज्ञानता से निकालकर समाज और देश के लिए काम करना होगा। उन्होंंने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लाॅ समाज की महिलाओं की बेहतरी के लिए ही बनाया गया है।
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कार्यशाला में 18 से 30 साल तक की युवतियों, अभिभावकों और कई महिला कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। जमात-ए-इस्लामी हिंद के तत्वावधान में मुस्लिम पर्सनल लाॅ जागरुकता अभियान के तहत आयोजित इस कार्यशाला में महिलाओं को अपने लिए वर चुनने से लेकर निकाह के बाद आने वाली चुनौतियाें, महिला साक्षरता, महिलाओं के स्वास्थ्य, घरेलू हिंसा, महिलाओं का विरासत में हिस्सा, निकाह, तलाक के इस्लामी कानून और महिलाओं के अधिकार पर चर्चा की गई। इसमें गर्ल्स इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन की अरीबा, नासरा परवीन, सबाह अबरार मौजूद थीं।
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