अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का कहना है कि सऊदी अरब चीन की मदद से खुद के बैलेस्टिक मिसाइल पर तेजी से काम कर रहा है। यह रिपोर्ट सीएनएन ने दी है। सऊदी अरब चीन से बैलिस्टिक मिसाइल खरीदता रहा है लेकिन पहली बार इस तरह की रिपोर्ट आई है कि सऊदी अरब बैलिस्टिक मिसाइल बनाने में जुटा हुआ है। सीएनएन ने सैटेलाइट तस्वीरों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि सऊदी अरब कम से कम एक जगह पर बैलिस्टिक मिसाइल का निर्माण कर रहा है।
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क्या चीन ने सऊदी अरब को संवेदनशील बैलिस्टिक मिसाइल टेक्नोलॉजी ट्रांसफर किया है? चीन के विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने इसका जवाब देते हुए कहा कि चीन और सऊदी अरब व्यापक रणनीतिक साझेदार हैं और सैन्य व्यापार के क्षेत्र सहित सभी क्षेत्र में मैत्रीपूर्ण सहयोग बनाए रखा है। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह का सहयोग किसी भी अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं करता है और इसमें सामूहिक विनाश के हथियारों का प्रसार शामिल नहीं है।
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सऊदी अरब के इस कदम से ईरान के साथ परमाणु समझौते से अमेरिका की दिक्कतें बढ़ सकती हैं। ईरान और सऊदी अरब की दुश्मनी जगजाहिर है। ऐसे में तेहरान इस बात पर सहमत नहीं होगा कि सऊदी द्वारा बैलिस्टिक मिसाइल निर्माण पर कोई कार्रवाई न की जाए और ईरान पर प्रतिबंध लगाया जाए। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ईरान के साथ वार्ता की मौजूदा स्थिति को देखते हुए, सऊदी मिसाइल कार्यक्रम पहले से ही जटिल समस्या को और भी मुश्किल बना सकता है।