जम्मू-कश्मीर में महिलाओं के “अपहरण,धर्मांतरण” को लेकर सिख समूहों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस पूरे मामले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को सिख समूहों के विरोध प्रदर्शन के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया। आरोप लगाये जा रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर में दो महिलाओं का अपहरण किया गया, उनका धर्म परिवर्तन किया गया और उनकी शादी बुजुर्गों से कर दी गई। हालांकि इस पूरे आरोपों का अधिकारियों ने खंडन किया है।
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सिख समुदाय के सदस्यों ने कथित ‘‘अपहरण और धर्म परिवर्तन” के खिलाफ समूचे जम्मू कश्मीर में सड़कों और राजमार्ग पर मार्च निकालकर प्रदर्शन किया। जबिक पुलिस ने रविवार को महिला को उसके माता-पिता को सौंप दिया और अपहरण के आरोप में उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया। वहीं महिला ने अदालत के समक्ष एक बयान में कहा है कि उसने अपनी मर्जी से उससे शादी की है। लेकिन सिख समूहों का कहना है कि ‘‘अदालत परिसर में महिला के परिवार को घुसने की इजाजत नहीं दी गयी जबकि व्यक्ति के सारे रिश्तेदार परिसर में मौजूद थे जिन्होंने लड़की पर दबाव बनाया।”
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हालांकि कानून के मुताबिक ऐसे मामलों में मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज बयान परिवार, पुलिस या किसी अन्य पक्ष की मौजूदगी में नहीं लिए जा सकते। रविवार को अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने श्रीनगर में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया। उन्होंने आरोप लगाया कि 18 वर्षीय सिख महिलाओं का बंदूक की नोक पर अपहरण कर लिया गया, जबरन धर्म परिवर्तन किया गया और एक अलग धर्म के बुजुर्ग पुरुषों से शादी कर दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे चार मामले सामने आए हैं, जिनमें से दो जम्मू से सामने आए हैं।
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हालांकि, पुलिस ने कहा कि उन्हें अब तक केवल एक ही मामले की जानकारी है। पुलिस सूत्रों ने कहा कि उन्होंने सिरसा के आरोपों के बाद दूसरे मामले का पता लगाने की कोशिश की, लेकिन पाया कि कश्मीर में ऐसी कोई हालिया घटना नहीं हुई है। इसके अलावा, एक तरफ जहां सिख समूहों ने आरोप लगाया है कि अपहरण के आरोप में गिरफ्तार किया गया व्यक्ति लगभग 60 है तो दूसरी ओर पुलिस सूत्रों ने कहा कि वह 29 वर्ष का है।
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इस मुद्दे पर सिख समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल से मुलाकात की। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से भी समय मांगा है और उन्हें मिलने का वादा किया गया है। समाचार एजेंसी एनडीटीवी से बात करते हुए सिरसा ने कहा, “गृह मंत्री अमित शाह ने हमें घाटी में अल्पसंख्यक सिख लड़कियों की सुरक्षा के बारे में आश्वासन दिया है। उन्होंने इस पर चर्चा के लिए जल्द ही सिख प्रतिनिधिमंडल से मिलने का समय दिया है।
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जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विवाद के बारे में ट्वीट करके लिखा। “कश्मीर में सिखों और मुसलमानों के बीच एक दरार पैदा करने के किसी भी कदम से जम्मू-कश्मीर को अपूरणीय क्षति होगी। मुझे उम्मीद है कि अधिकारी तनाव के हालिया कारणों की जांच के लिए जल्दी से आगे बढ़ेंगे और अगर किसी ने कानून तोड़ा है तो उस पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए और आवश्यक सजा दी जानी चाहिए।”
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