
रायबरेली (इम्तियाज अहमद खान)। रविवार बारह रबीउल अव्वल को जश्ने ईद मिलादुन्नबी के मुकद्दस मौके पर जुलुस ए मोहम्मदी पूरी शानो शौकत के साथ निकाला गया। सरकार की आमद मरहबा, आका की आमद मरहबा से पूरा शहर अकीदत में डूब गया। जुलूस के दौरान शांति बनाए रखने के उद्देश्य से भारी पुलिस बल मौके पर मौजूद रहा।
पैगम्बर मोहम्मद साहब की यौमे पैदाइश पर जगह जगह लंगर का किया गया आयोजन। आपको बता दें कि कोरॉना काल के लंबे समय के बाद मुस्लिम समाज ने बड़े हर्षोल्लास के साथ निकाला जुलुस ए मोहम्मदी। सैकड़ों की तादात में जुलूस में शामिल हुए पैगम्बर मोहम्मद साहब के दीवाने। नन्हें मुन्ने बच्चों ने इस्लाम को झंडा बुलंद करते हुए इस्लाम जिंदाबाद के साथ साथ हिन्दुस्तान जिंदाबाद के लगाए नारे। शहर के काहारों का अड्डा, खिन्नी तल्ला, खोया मंडी, घंटाघर चौराहा, रेलवे स्टेशन आदि जगहों से होता हुआ निकला जुलूस।
जुलूस में बेटी बचाओ को लेकर लोगों को जागरूक करते हुए लिखा गया कि बेटी बचाओ को लेकर सबसे पहले शुरुआत पैगम्बर मोहम्मद साहब ने सऊदी अरब में की थी। उस वक्त जब लड़कियों के पैदा होने पर जिंदा दफन कर दिया जाता था तब पैगम्बर मोहम्मद साहब ने अरब की आवाम के साथ साथ पूरी दुनिया को यह पैगाम दिया कि बेटियां जहमत नहीं अल्लाह की रहमत हैं और बेटियों के साथ दुर्व्यवहार न किया जाए। पैगम्बर मोहम्मद साहब ने पूरी दुनिया को शांति और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। जुलूस ए मोहम्मदी के दौरान हजारों की संख्या में मौजूद लोगों के साथ साथ रायबरेली के वरिष्ठ लोग भी शामिल रहे।