उत्तर प्रदेश में स्वास्थ सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए भले ही सरकार तत्पर हो मगर उनके मातहत यह बात समझ नहीं पा रहे हैं। शासन के तमाम निर्देशों के बावजूद स्वास्थ्य महकमे के अधिकारी पुराने ढर्रे पर चल रहे हैं। इसकी वास्तविकता जानने के लिए कानपुर के जिलाधिकारी विशाख अय्यर मरीज बनकर बिना किसी सरकारी गाड़ी और लाव लश्कर के उर्सला अस्पताल पहुंचे।
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अस्पताल पहुंचने पर जहां एक ओर डॉक्टरों के कक्ष के बाहर मरीज इंकार कर रहे थे तो वहीं एक बेंच पर जिलाधिकारी विशाख अय्यर बैठे डॉक्टर का इंतजार करते रहे. उनके इस निरीक्षण में उर्सला अस्पताल की कार्यप्रणाली की पोल खुल गई. वहीं जिलाधिकारी के अस्पताल में निरीक्षण की सूचना मिलने के बाद जिला अस्पताल में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में डॉक्टर, डिप्टी डायरेक्टर और सीएमएस जिलाधकारी को अपना चेहरा दिखाने के लिए उनके पास पहुंचे।
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नाराज जिलाधिकारी ने सीएमएस, डिप्टी डायरेक्टर और सीएमओ को फटकार लगाई. अव्यवस्थाओं को देखकर जिलाधिकारी ने सीएमओ से स्पष्टीकरण नोटिस मांगा है. जिलाधिकारी के औचक निरीक्षण की सूचना मिलने के बाद जहां एक और आनन-फानन में चिकित्सक और नदादद कर्मचारी भी अपनी ड्यूटी पर पहुंच गए।
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दरअसल जिलाधिकारी को पिछले कई दिनों से सूचना मिल रही थी कि चिकित्सक और स्टाफ समय से अस्पताल नहीं पहुंच रहा है, जिसके बाद जिलाधिकारी विशाख अय्यर आज ई-रिक्शा पर बैठकर उर्सला अस्पताल पहुंचे. वह एक आम मरीज की तरह अपना बिना परिचय दिए डॉ कक्ष के बाहर बेंच पर बैठे और डॉक्टर का इंतजार करने लगे. इसके बाद अस्पताल में अनियमितताएं और अवस्थाएं देख नाराजगी व्यक्त की।