रईस अहमद को जनपद न्यायालय से उठाकर फर्जी मुठभेड़ का लगाया आरोप

रायबरेली। सलोन कोतवाली क्षेत्र में मारपीट के एक मामले में आरोपी रईस अहमद को मुठभेड़ में गिरफ्तार किए जाने के पुलिसिया दावे को आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने फर्जी बताया है। साथ ही कहा है कि इस मामले में पुलिस बेगुनाह मुसलमानो का उत्पीड़न कर रही है। जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एमआईएम ने इस मामले में पुलिस अधीक्षक को एक मांग पत्र देकर निष्पक्ष जांच की मांग की है। साथ ही कहा है कि अगर मुसलमानों का उत्पीड़न रोका न गया तो पार्टी सामूहिक रूप से जनांदोलन और सामूहिक गिरफ्तारी देने को बाध्य होगी।

शनिवार को पीड़िता नाजमीन बानो पत्नी रईस अहमद के साथ एम आई एम जिला अध्यक्ष महताब खान एवं नगर अध्यक्ष राजेश कुरील के नेतृत्व में पार्टी पदाधिकारी पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे। जहां मांगों के समर्थन में एक ज्ञापन सौंपा गया। मांग पत्र में पार्टी ने बताया कि 13 सितंबर को पप्पू पटेल और संजय तिवारी के मध्य वाद विवाद की घटना हुई थी। जिसमें पुलिस द्वारा रईस अहमद की संलिप्तता दर्शा कर नामजद करते हुए 8 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। राजेश कुरील ने कहा कि इस घटना के बाद से सलोन पुलिस बेगुनाह मुसलमानो को उठाकर अवैध वसूली और टारगेटेड उत्पीड़न कर रही है। हद तो तब हो गई जब जमानत के लिए आए रईस को पुलिस ने जनपद न्यायालय से उठाकर टांग में गोली मारी और फर्जी मुठभेड़ दिखा दिया।
जिलाध्यक्ष महताब खान ने कहा कि सलोन में पुलिस का इकबाल खत्म हो चुका है और थाना वहां के हिंदूवादी संगठन चला रहे हैं। उन्हीं के दबाव में पुलिस मुसलमानों का एकतरफा उत्पीड़न कर रही है। जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिला अध्यक्ष ने कहा कि पुलिस ने जल्द ही अपनी कार्यशैली में बदलाव न किया तो हम हजारों कार्यकर्ता लेकर सामूहिक गिरफ्तारी देने को बाध्य होंगे। उनके साथ मौजूद नाजमीन ने भी पति को न्याय दिलाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने का अल्टीमेटम दिया है। इस अवसर पर मो अहमद, मो अकरम, शानू, नसीर आदि मौजूद रहे।