अगले महीने की 12 या 13 तारीख़ से रमज़ान का आग़ाज़ होने वाला है, लेकिन दुनियाभर के मुसलमानों को ये चिंता सता रही है कि क्या रमज़ान के रोज़े के दौरान कोरोना वैक्सीन लेने से रोज़ा ख़त्म हो जाएगा। अब सऊदी अरब के ग्रैंड मुफ्ती ने इसी भ्रम को दूर करने की कोशिश की है।
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‘अरब न्यूज’ के मुताबिक, रमजान के महीने से ठीक पहले सऊदी के ग्रैंड मुफ्ती शेख अब्दुल अज़ीज़ अल-शेख ने कहा कि रोज़े के दौरान, कोरोना वैक्सीन लेने में कुछ भी ग़लत नहीं है। इससे रोज़ा नहीं टूटेगा।
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सऊदी के ग्रैंड मुफ्ती शेख अब्दुल अज़ीज़ अल-शेख का कहना है कि कोरोना वैक्सीन को फूड या ड्रिंक नहीं माना जाता है। वैक्सीन को शरीर के अंदर लगाया जाता है, इसलिए इससे रोजा नहीं टूटेगा।
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सऊदी अरब के ग्रैंड मुफ्ती की इस सफाई से यक़ीनी तौर पर उन करोड़ों मुस्लिमों को राहत मिलेगी, जो अब तक रोज़े के दौरान वैक्सीन लेने को लेकर संशय में थे
मुस्लिम कोरोना वैक्सीन में पोर्क के इस्तेमाल को लेकर चिंतित हैं। हालांकि एस्ट्राजेनेका ने स्पष्ट कर दिया है कि उसके कोविड-19 के टीके में पोर्क का बिल्कुल भी इस्तेमाल नहीं किया गया है।
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दुनिया में सबसे ज़्यादा मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया ने वैक्सीन में पोर्क होने का दावा किया था। इंडोनेशिया की उलेमा काउंसिल ने अपनी वेबसाइट पर टीके को हराम करार देकर इंडोनेशियाई मुसलमानों से इसका इस्तेमाल न करने को कहा है। काउंसिल का दावा है कि वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया में ट्रिप्सिन का प्रयोग किया जाता है, जो सुअर के पैनक्रियाज से जुड़ा होता है। इसलिए वैक्सीन का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
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